PM यशस्वी योजना 2023 के अन्दर कौन-कौन सी जातियों को शामिल किया गया है
PM YASASVI Scholarship Scheme 2023: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा एक विशेष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी और इस प्रवेश परीक्षा के माध्यम से उम्मीदवारों को उचित अवसर प्रदान किए जाएंगे। छात्रवृत्ति को PM YASASVI Scholarship Scheme 2023 के रूप में जाना जाता है। इस पीएम यशस्वी छात्रवृत्ति योजना में चयन उम्मीदवार जो समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और अन्य अनुसूचित जाति के हैं।
इस छात्रवृत्ति के अवसर के लिए आवेदन कर सकते हैं और 15000 छात्र प्रति वर्ष 125000 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं। छात्र जल्द ही अधिकारियों द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आवेदन पत्र भरने में सक्षम होंगे। इस लेख में हम आपको PM YASASVI Scholarship Scheme 2023 से संबंधित सभी जानकारी देने वाले हैं तो आप इस लेख को पूरा पढ़े।
Official Notice-
इस पोस्ट के अन्दर हमने आपको यह बताने की कोशिश है कि प्रधानमंत्री यशस्वी योजना के अन्दर कौन – कौन सी जातियों को शामिल किया गया है :
- इस योजना के लिए केवल ओबीसी / ईबीसी / डीएनटी एसएआर / एनटी / एसएनटी श्रेणी के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
OBC का मतलब क्या है ?
“Other Backward Classes”
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सन् 1991 में अस्तित्व में आया एक वर्ग है इसमें आने वाली जातियाँ गरीबी और शिक्षा के रूप में पिछड़ी होती हैं यह भी सामान्य वर्ग का भाग है जो जातियाँ वर्गीकृत करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयुक्त एक सामूहिक शब्द है। यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के साथ-साथ भारत की जनसंख्या के कई सरकारी वर्गीकरण में से एक है।
अगर आप OBC जाति से हो तो आपके पास इसका प्रमाण होना चहिए , यानि आपके पास कास्ट सर्टिफिकेट होना चाहि
OBC CASTE LIST IN INDIA-
EBC का मतलब क्या है ?
“Economically Backward Class”
आसान शब्दों में कहे तो ईबीसी एक ऐसा पिछड़ा वर्ग है यहाँ व्यक्ति के आय के आधार पर देखा जाता है की व्यक्ति आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के हक़दार है की नहीं
अगर आप EBC जाति से हो तो आपके पास इसका प्रमाण होना चहिए , यानि आपके पास कास्ट सर्टिफिकेट होना चाहिए
DNT OR S-NT का मतलब क्या है ?
“DNT : DE-Notified Tribes” / “S-NT :Semi Nomadic Tribes”
विमुक्त, घुमन्तू / अर्द्ध घुमन्तू जनजाति – DENOTIFIED, NOTIFIED, SEMI-NOMADIC TRIBES
विमुक्त जनजातियाँ (DENOTIFIED TRIBES) कौन-सी हैं?
- वे लोग जिन्हें ब्रिटिश शासन के दौरान अपराधी जनजातियों के रूप में अधिसूचित किया गया था तथा स्वतंत्रता के बाद 1949-50 की अनंतशयनम अय्यंगर की रिपोर्ट के आधार पर 1952 में विअधिसूचित कर दिया गया, विमुक्त जनजातियों के रूप में जाने जाते रहे हैं. इसके साथ ही ऐसी कई घुमन्तू जनजातियाँ भी हैं जो इन DNT समुदायों का भाग थीं.
- “ये समुदाय सर्वाधिक उत्पीड़ित थे” तथापि जातिगत आधार पर इन्हें सामाजिक अस्पृश्यता का सामना नहीं करना पड़ा.
1. राजस्थान के विशेषकर जालोर सिरोही जिले के गाय पालने वाले रबारी हरियाणा एवं पंजाब में गाय चराने जाते हैं उन्हें निक्रमण पत्र दिए जाएं तथा उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाया जाए ।
2. राजस्थान के भेड़ पालक रबाड़ी जाति के लोग अकाल के कारण मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, हरियाणा, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश में जाते हैं उन्हें भी निष्क्रमण पत्र जारी करवाए तथा उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाया जाए।
3. पिछले 10-15 साल से सभी चीजों के दाम बढ़े परंतु उन के भाव घटे हैं फलस्वरूप राजस्थान का भेड़पालक बेहाल हो गया है जिसे बचाने हेतु विदेश से आयात होने वाली ऊन पर एन्टी डम्पिंग डय़ूटी लगाकर देशी ऊन उत्पादकों को राहत प्रदान की जाए ।
4. जिस तरह से केन्द्र सरकार ने वन अधिकार कानून बनाया है उसी तरह से भेड़पालक एवं गायपालक की गोचर भूमि का उपयोग मवेशी चराने हेतु करते हैं उन्हें गोचर में मवेशी चराने का कानूनी अधिकार प्रदान किया जाए ।
5. बन्जारा एवं कलबी जातियों के कल्याण हेतु योजना बनाई जाए ।