UPSC Civil Services Results 2022: Native of Haryana village Abhinav Siwach secures 12th rank

Getting your Trinity Audio player ready...

30 लाख का पैकेज छोड़कर की थी तैयारी UPSC Result 2023 यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से आज 2022 सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित हुए हैं। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के अभिनव सिवाच ने 12वीं रैंक हासिल की है। दिल्ली से बीटेक करने के बाद आइआइएम कोलकाता से एमबीए भी किया।

फतेहाबाद के लिए खुशखबरी है। यहां के गांव गोरखपुर के बेटे अभिनव सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में 12वां स्थान हासिल करके फतेहाबाद जिले के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।

हालांकि फतेहाबाद जिले से पहले भी आइएएस और आइपीएस निकल चुके हैं, लेकिन अभी तक फतेहाबाद जिले से इतनी शानदार रैकिंग के साथ किसी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को क्लियर नहीं किया था। अभिनव सिवाच ने ये कामयाबी यूपीएससी के तीसरे प्रयास में हासिल की है।

अभिनव सिवाच की काबलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो दिल्ली सिविल सर्विस की परीक्षा पास करके फिलहाल वो साउथ दिल्ली में एसडीएम के पद पर तैनात हैं और इससे पहले वो फतेहाबाद जिले के टोहाना में ही छह माह तक नायब तहसीलदार के पद पर भी तैनात रहे हैं। उनके पिता सतबीर सिवाच सेलटेक्स विभाग में कमिश्रर के पद पर तैनात हैं। अभिनव सिवाच का परिवार फिलहाल हिसार में रहता है।

दिल्ली से बीटेक तो आइआइएम कोलकाता से की एमबीए

दैनिक जागरण से बातचीत में अभिनव सिवाच ने बताया कि उन्होंने दिल्ली से बीटेक करने के बाद आइआइएम कोलकाता से एमबीए भी किया। इसके बाद प्लेसमेंट से उन्हें एक निजी कंपनी में लगभग तीस लाख के सैलरी पैकेज पर नौकरी भी मिल गई। लेकिन भी सिविल सर्विस के प्रति उनका मोह कम नहीं हो सका।

इसके चलते उन्होंने अच्छी लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोडक़र उन्होंने एचपीएससी क्लियर किया और नायब तहसीलदार के पद पर तैनाती मिली। इस दौरान वो टोहाना में लगभग छह माह तक नायब तहसीलदार के पद पर रहने के बाद दिल्ली सिविल सर्विस की परीक्षा पास करके दिल्ली में एसडीएम बने। फिलहाल अभिनव सिवाच साउथ दिल्ली के एसडीएम हैं।

नौकरी के साथ रोजाना सात-आठ घंटे की पढ़ाई

दैनिक जागरण से बातचीत में अभिनव सिवाच ने बताया कि उन्होंने नौकरी के साथ साथ आइएएस की तैयारी की है। क्योंकि उनका शुरू से ही सपना आइएएस बनने का था। हालांकि दिल्ली में एसडीएम का पद भी काफी अच्छी पोजिशन है। लेकिन मैने अपने सपने को मरने नहीं दिया।

नौकरी के साथ लगभग सात से आठ घंटे की पढ़ाई लगातार की। इसके अलावा सोशल मीडिया से बिल्कुल दूरी बनाए रखी ताकि फोकस ना टूटे। अभी भी फिलहाल सोशल मीडिया पर आने का मूड नहीं है। ट्रेनिंग के बाद सोचूंगा। आइएएस बनने के बाद सोसाइटी की सेवा करना ही मुख्य लक्ष्य है। मेरे पास अच्छा पद होगा तो मैं इसका उपयोग आम आदमी की भलाई के लिए इस्तेमाल करूंगा।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.